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बुधवार, 3 सितंबर 2008

एक चिट्ठी पुराने दोस्तों के नाम

हमारी दोस्ती की परीक्षा है
दोस्तों !
जिस समय गुजरात में भूकंप आया था भोपाल में रह कर भी हम सभी ने उसके झटके महसूस किये थे। ज़वानी के जोश और अपने ज़मीर की आवाज़ सुन कर हम सभी गुजरात में राहत कार्य हेतु रवाना हो गए। टीम भावना के साथ हम ने गुजरात में रहत कार्य में अपनी भूमिका निभाई। गुजरात में राहत कार्य के दौरान हम सभी के अपने अनुभव रहे . वो अनुभव और उससे जुडी स्म्रतियां आज भी हमारी धरोहर हैं. उस समय हम सभी पत्रकारिता वि. वि. के छात्र थे . आज हम सभी की अपनी व्यक्तिगत, पारिवारिक , सामजिक और व्यावसायिक जिंदगी है. हम सभी आज अपनी - अपनी भूमिका में पहले से कहीं अधिक सशक्त हैं . ऑरकुट की चुहुलबाजी और चेटिंग या एसएमएस के ज़रिये ही सही, लेकिन हम सभी आपस में जुड़े हैं .
सच्चे मित्र, शुभचिंतक और प्रेमी की पहचान आपातकाल में ही होती है . हम सभी की मित्रता की परीक्षा लेने इस बार बिहार में कोसी नदी ने अपना कहर बरपाया है . तीस लाख से अधिक लोग दिन में सैकडों बार अपनी ज़िंदगी ख़त्म होने के खौफनाक सपने का झटका खा रहे हैं. गुजरात भूकंप से लेकर बिहार बाढ़ त्रासदी तक सरकारी राहत के रवैये में कोई परिवर्तन नहीं आया है. उसी तरह हमारी सोच,संवेदनाएं और जोश भी अब तक बरक़रार है। हम किसी मीडिया संस्थान में कार्यरत हैं अथवा अन्य संस्थान को सेवाएं दे रहे हैं।
कोसी नदी का रौद्र रूप बिहार के एक बड़े हिस्से से मानवता का अस्तित्व खत्म करने की पुरज़ोर कोशिश में है। इतने सालों बाद हमारी दोस्ती और टीम भावना की परीक्षा एक बार फिर से ली जा रही है। हम जहाँ भी हैं वहां से अपने पूरे जुनून और जोश के साथ अपनी दोस्ती का ध्वज लेकर परिस्थितियों पर फ़तह पाने की एक ईमानदार कोशिश कर सकते हैं। अपने - अपने स्तर के अतिरिक्त हम बिहार कोसी बाढ़ ब्लॉग पर भी जुड़ रहे हैं।
आईये और जिंदादिली के साथ हाथ बढाईये।
धन्यवाद और शुभकामनाओं के साथ आपका अपना साथी - आशेन्द्र

2 टिप्‍पणियां:

manvinder bhimber ने कहा…

ashender ji....
assi hi bhaawna ki awshaykta hai

SP SINGH ने कहा…

mitra
sabse pahle is pawan kam par badhai ki aisi dukhad mushkilon main kisi bhi tarah se sambal banane ka prayas kar rahe ho...ek bar hamare pas internet ki pahuch ho jaye to is tarah ke anokhe prayason ka pata chale....khair agar tumahara phone na milta to main is pawan karya ka hissa na ban pata...jald hi thikane par pahuch kar madad ka prayas karunga jo ban padega....or waise main or mera sath to hai hi.....shubhkam ki dheron shubhkamnayyen...sp singh