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शनिवार, 31 अक्तूबर 2009

आगे बढ़ मर्दाना लिख

हमारे एक अज़ीज हैं शिवप्रताप सिंह जी, पत्रकारिता के साथ-साथ साहित्य (पढने और लिखने) में भी ख़ासा दख़ल रखते हैं आज उनसे बात हो रही थी मैंने इन दिनों अपने उदास रहने का जिक्र उनसे किया। उन्होंने अपनी एक रचना सुनते हुए मेरे हौसले को बढ़ाया । शिव ने यह रचना नवम्बर 2005 में लिखी थी अपनीबात के पाठकों की नज़र कर रहा हूँ । यह कहते हुए कि आगे बढ़ मर्दाना लिख अगर पसंद आये तो शिव को 09425127676 पर एक एसएमएस कर सीधे बधाई भी दे सकते हैं ।

आगे बढ़ मर्दाना लिख

आज प्यार का तराना लिख

खुद को तू दीवाना लिख

बिगड़ी लगे हवा शहर की

इंसानियत मरजाना लिख

घरोंदे पर भी नज़र रहे गर

चिड़िया का आना- जाना लिख

हिम्मत दिखाए गर कोई हसीना

आगे बढ़ मर्दाना लिख ...!

शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009

एक प्यार ही तो



बड़ी छोटी उम्र में सौंदर्यबोध हो गया था। कोर्स के अलावा सबकुछ पढने -लिखने का शगल था। बीए कर रहा था उन्ही दिनों हिन्दुस्तान पटना (2 जनवरी 1997) के अंक में रमेश ऋतंभरा की कविता पढ़ी । मन को छूने वाली थी। कविता यहाँ प्रस्तुत है -


एक प्यार ही तो


एक दिन में पुरानी पढ़ जाती है दुनिया


एक दिन में उतर जाता है रंग


एक दिन में मुरझा जाते हैं फूल


एक दिन में भूल जाता है दुःख


बस ,


एक प्यार ही तो है


जो रह जाता है बरसों - बरस याद दोस्तों

शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

झारखरिया बने विशेष संवाददाता

दैनिक भास्कर ग्वालियर ने अपने ग्वालियर संस्करण में चार पदोन्नतियां की हैं. भास्कर ग्वालियर को लम्बे समय से बतौर चीफ रिपोर्टर अपनी सेवाएं दे रहे रवींद्र झारखरिया को विशेष संवाददाता बनाया गया है. वहीं दिनेश गुप्ता को चीफ रिपोर्टर और प्रवीण चतुर्वेदी एवं राजेश दुबे को डिप्टी चीफ रिपोर्टर बनाया गया है . सभी को बधाई