लखवी को जमानत मिलने का मतलब है कि पेशावर बाल संहार के दोषियों को उनके
पेरेंट्स ने माफ कर दिया है। क्या यह संभव है अगर नहीं तो क्या इसे यह समझा जाना चाहिए कि यह दुनियां के लिए एक संदेश है कि हमारी धरती पर कुछ भी हो आतंकवाद को लेकर हम अपना रवैया नहीं बदलेंगे। मासूमों के खून से सनी किताबें चीख - चीख कर कह रही हैं कि यह पन्ने तो सिर्फ पेटिंग बनाने के लिए हैं इन पर खून से यह अबूझ इबारत क्यों लिख डाली।
इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए किसने किसे कितना दिया की जानकारी पर इंडस्ट्री बॉडी
को आपत्ति क्यों?
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देश के तीन बड़े औद्योगिक निकायों ने इलेक्टोरल बॉन्ड की अहम जानकारी को लेकर
सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है.
2 घंटे पहले