अपनीबात... के बारे में अपने सुझाव इस ई - मेल आई डी पर भेजें singh.ashendra@gmail.com या 94257 82254 पर SMS करें

मंगलवार, 2 सितंबर 2008

अपील

इसलिए अभियान

क्योंकि उत्तर-पूर्वी बिहार के पांच जिलों में आई यह तबाही महज साधारण बाढ़ नहीं, बल्कि एक नदी के रास्ता बदल लेने की भीषण आपदा है।इस तबाही के कारण 24 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें तकरीबन दो साल इन्ही हालात में रहना होगा।जब तक टूटे बांध बांधकर नदी को पुरानी धारा की ओर न मोड दिया जाए.ऐसे में पूरे देश के हर जिले से जब तक राहत सामग्री न भेजी जाए विस्थपितों की इतनी बडी संख्या को राहत पहुंचाना मुमकिन नहीं.क्योंकि देश में इस आपदा को लेकर अब तक वैसे अभियान नहीं चलाए जा रहे जैसे पिछ्ली त्रासदियों के दौरान चलाए गए थे. सम्भवतः केन्द्र की 1000 करोड़ रुपए की सहायता को पर्याप्त मान लिया गया है.जबकि केन्द्र सरकार का यह पैकेज 24 लाख विस्थापितों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा से भी कम है. क्योंकि इन्हीं पैसों से टूटे बांधों की मरम्मत और बचाव अभियान भी चलाया जाना है. ऐसे में इन विस्थापितों के राहत और पुनर्वास के लिए दो हजार रुपए प्रति व्यक्ति से भी कम बचता है.और इसलिए भी कि यह एक ऐसी जिम्मेदारी है जिससे मुंह मोडना कायरता से भी बुरी बात होगी.
मदद करें -
अगर आप इन विस्थापितों की मदद करना चाहते हैं तो अपने शहर और आसपास के इलाकों से राहत सामग्री हमें भेज सकते हैं या खुद आकर प्रभावित इलाकों में बांट सकते हैं।अगर आप खुद बांटना चाहेंगे तो हम आपको स्थानीय स्तर पर मदद कर सकते हैं.

आवश्यक राहत सामग्री -
- टेंट
- कपड़ा - पहने व ओढने बिछाने के लिए
- दवाइयां
- क्लोरीन की गोलियां
- भोजन सामग्री
- अनाज
- नमक
- स्टोव
- टॉर्च व बैटरी
- प्लास्टिक शीट
- लालटेन
- मोमबत्ती व माचिस
हमारा सम्पर्क :
विनय तरुण- 09234702353 , पुष्यमित्र - 09430862739 (भागलपुर)
अजित सिंह- 09893122102, आशेन्द्र सिंह - 09425782254 (भोपाल)
Email- biharbaadh@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं: