आज सुबह जब सो कर उठा तो बाहर से एक गाड़ी की तेज आवाज आई... यह आवाज
ट्रेक्टर जैसी थी। (इस गाड़ी को स्थानीय भाषा में जुगाड़ कहा जाता है, यह
पूरी गाड़ी एक जुगाड़ की तकनीक से ही बनाई जाती है इसे चलाने के लिए न कोई
लाइसेंस लेना होता है और न हीं इसका कोई रजिस्ट्रेशन होता है) इस पर गन्ने
का रस बिक रहा था। सोकर उठा था, लेकिन आज मन किया कि पहले पानी न पीते हुए
गन्ने का रस पिया जाए। पत्नी से कहा कि जाओ और एक गिलास गन्ने का रस इससे
ले आओ। पत्नी अंदर आई और बोली कि ये लो रस और 10 का खुला नोट दो ... इतना
सा रस 10 रुपए का ...!!! मैंने आश्चर्य व्यक्त किया... खैर 10 रुपए तो दे
दिए पर यह 10 रुपए इतने से रस के अखर गए वह भी बिना नीबू और काला नमक का
रस। पुराने दिन याद आ गए । हमाए भिंड में तो इत्ता सा रस अठन्नी में मिलता
था...। मैं मूलत: भिंड का रहने वाला है। राज टॉकीज यहां की फेमस टॉकीज है।
इसी के बगल में एक दुकान थी गन्ने के रस की । स्कूल से आते - जाते इस दुकान
पर निगाहें जाती थीं । स्कूल से लौटते समय इस पर अक्सर रस पीता ही था...
जैसे ही दुकान पर पहुंचो ... दुकानदार खुश हो कर मशीन में गन्ने पेरने लगता
और चर्र.. चर्र.. की आवाज के साथ 10 मिनट में गन्ने का रस हाजिर वो भी
भरपूर नीबू, पोदीना और काले नमक प्लस बर्फ के साथ...। हाफ पैंट और हाफ शर्ट
पहने अपन बस्ते को उतारते और पूरा रस पेट के अंदर फिर ऊपर से एक गिलास ठंड
पानी भी .. और अठन्नी थमा देते । बड़ा गिलास कभी पीते ही नहीं थे क्यों कि
मन में एक धारणा थी कि बड़ा गिलास भरके रस तो बड़े आदमी पीते हैं। पर अब ताे
हमारे भिंड भी बदल गया होगा... इतने सालों में जब गन्ने के रस की कीमत 20
गुना बढ़ गई है तो हमारा भिंड कितना बदला होगा...।
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ़ को लेकर जुनून के पीछे है 40 साल पुराना जापानी
कनेक्शन
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टैरिफ़ को लेकर दुनिया भर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चर्चा
हो रही है, लेकिन उन्हें सबसे पहले इसका आइडिया कहां से आया?
5 घंटे पहले
1 टिप्पणी:
Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University will release the UPSEE 2020 application form in January. The application form of UPSEE 2020 will be available in online mode only until March. Students seeking admission in B.Tech programmes offered by AKTU and its participating institutes has to fill the UPSEE application form 2020.
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