मुझे मेरे सही गुरु से पहला साक्षात्कार बी ए के दौरान हुआ. एमए करते - करते उनका पूरा आशीर्वाद मेरे साथ रहा. डॉ. ओम प्रभाकर देश के जाने माने साहित्यकार तो है ही साथ ही मुझे एक गुरु के रूप में उनका सानिध्य भी मिला यह मेरा सौभाग्य रहा. गुरु जी मै फ़िलहाल आपके सम्पर्क में नहीं हूँ , लेकिन आप जहां भी रहें हजारों साल जियें एक शिष्य के रूप में ईश्वर से मेरी यही कामना है.
बिहार चुनाव: आरजेडी-कांग्रेस के बीच इन सीटों पर होगा मुक़ाबला, दोनों ने
उतारे उम्मीदवार
-
कई दिनों की खींचतान और दावों के बावजूद विपक्षी दल सीटों के बंटवारे का
फ़ैसला नहीं कर पाए. महागठबंधन के उम्मीदवारों के नामों की कोई साझा या
औपचारिक घोषणा नह...
2 घंटे पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें