ग्वालियर शहर में रहते हुए डॉ. आशीष द्विवेदी ने पत्रकारिता शिक्षण में खासा योगदान दिया है। इन दिनों डॉ. द्विवेदी सागर में पत्रकारिता का एक संस्थान इंक मीडिया स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म के नाम से चला रहे हैं। इंक मीडिया स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म के विद्यार्थियों का प्रायोगिक पत्र इंक टाइम्स के नाम से प्रकाशित हो रहा है। हाल ही में मिले इस के अंक को देखकर पत्रकारिता शिक्षण का महत्व व व्यावहारिक ज्ञान की महत्ता को समझा जा सकता है। इंक टाइम्स का आदर्श वाक्य " विश्वास की स्याही..." है। अंक में फीचर आधारित समाचारों को विशेषरूप से शामिल किया गया है कुछ प्रमुख और आम हस्तियों के साक्षात्कार व समसामयिक विषयों पर लेख और समाचारों को स्थान दिया गया है। यदि मुद्रण की गुणवत्ता व कुछ अन्य त्रुटियों को नज़रअंदाज़ कर देखा जाए तो इंक टाइम्स प्रायोगिक पत्र के रूप में संस्थान का एक उल्लेखनीय व व्यावहारिक प्रयास है मिथलेश साहू, बसंत शर्मा, धर्मेन्द्र दुबे व रेशु जैन की स्टोरी पठनीय और मानकों के अनुरूप हैं। बधाई
भारत के वक़्फ़ संशोधन क़ानून को पाकिस्तान और बांग्लादेश में कैसे देखा जा
रहा है?
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राष्ट्रपति की मंज़ूरी के साथ ही वक़्फ़ संशोधन विधेयक अब क़ानून बन चुका है.
इस बीच पाकिस्तान और बांग्लादेश में भारत के इस क़ानून पर तीख़ी प्रतिक्रियाएं
देखी...
2 घंटे पहले
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