कमल दीक्षित का नाम देश के गिनेचुने फीचर विशेषज्ञों में शुमार किया जाता है। पत्रकारिता और पत्रकारिता शिक्षण से लेकर पत्रकारिता को धर्म बनाने व उसके मूल्यों की रक्षा के लिए श्री दीक्षित ने कई ऐसे प्रयास किये हैं जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। सोसायटी ऑफ़ मीडिया इनिसिएटिव फॉर वेल्यूज़ द्वारा प्रकाशित " मुल्यानुगत मीडिया " का नया अंक हाल ही में मुझे प्राप्त हुआ है " मुल्यानुगत मीडिया " पत्रिका व न्यूज़ लेटर के बीच का प्रकाशन है। सोलह प्रष्ठीय इस प्रकाशन में मीडिया क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों के साथ - साथ कुछ मीडिया कर्मियों के अनुभव व साक्षात्कार भी शामिल हैं। श्री दीक्षित नें सम्पादकीय में जिला स्तर पर पत्रकारिता का स्वरुप सुधारने व उसके मूल्यों को संरक्षित करने के लिए पत्रकारिता प्रशिक्षण पर जोर दिया है वे लिखते हैं " बदली परिस्थितियों में सत्ता का केंद्र राज्य की राजधानी के साथ ही जिला भी बन चुका है " यह वाक्य आंचलिक पत्रकारिता के स्वर्णिम व चुनौती भरे भविष्य की ओर इंगित करता है। मुल्यानुगत मीडिया को www.mediainitiative.org पर भी पढ़ा जा सकता है कुल मिला कर मीडिया मूल्यों को बचाए रखने का यह एक अमूल्य ओर श्लाघनीय प्रयास है ।
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की तारीख़ तय, क्या उन्हें बचाया
जा सकता है?
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निमिषा प्रिया पर अपने बिज़नेस पार्टनर की हत्या का आरोप है. उन्हें बचाना अब
कितना मुमकिन है और कौन-कौन इस मुहिम में जुटा है?
10 मिनट पहले
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