लखवी को जमानत मिलने का मतलब है कि पेशावर बाल संहार के दोषियों को उनके
पेरेंट्स ने माफ कर दिया है। क्या यह संभव है अगर नहीं तो क्या इसे यह समझा जाना चाहिए कि यह दुनियां के लिए एक संदेश है कि हमारी धरती पर कुछ भी हो आतंकवाद को लेकर हम अपना रवैया नहीं बदलेंगे। मासूमों के खून से सनी किताबें चीख - चीख कर कह रही हैं कि यह पन्ने तो सिर्फ पेटिंग बनाने के लिए हैं इन पर खून से यह अबूझ इबारत क्यों लिख डाली।
एआई कंपनियाँ लाखों भारतीयों को मुफ़्त में क्यों देना चाहती हैं प्रीमियम
टूल्स
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फ़्री या रियायती सेवाएं देने के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कंपनियाँ भारतीय
कंपनियों के साथ साझेदारी कर रही हैं.
8 घंटे पहले










