लखवी को जमानत मिलने का मतलब है कि पेशावर बाल संहार के दोषियों को उनके
पेरेंट्स ने माफ कर दिया है। क्या यह संभव है अगर नहीं तो क्या इसे यह समझा जाना चाहिए कि यह दुनियां के लिए एक संदेश है कि हमारी धरती पर कुछ भी हो आतंकवाद को लेकर हम अपना रवैया नहीं बदलेंगे। मासूमों के खून से सनी किताबें चीख - चीख कर कह रही हैं कि यह पन्ने तो सिर्फ पेटिंग बनाने के लिए हैं इन पर खून से यह अबूझ इबारत क्यों लिख डाली।
पाकिस्तान और अफ़ग़ान तालिबान के बीच डूरंड लाइन पर बातचीत के बिना शांति
कितनी संभव है
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पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच सीमा विवाद बहुत पुराना है. यह इतना गंभीर
मामला है कि दोनों बीच हुए युद्धविराम के बाद तालिबान के रक्षा मंत्री ने कहा
कि बय...
1 घंटे पहले