शुक्रवार, 19 दिसंबर 2008
दिल्ली में ना होने का मतलब !
प्रस्तुतकर्ता
आशेन्द्र सिंह
पर
1:19 am
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बुधवार, 17 दिसंबर 2008
सुना है...
ग्वालियर दैनिक भास्कर से राज एक्सप्रेस में कूच कर गए कुछ लोगों से त्रस्त हो कर भास्कर ने कुछ और लोगों की छटनी करना शुरू कर दिया है. इस में कई महारथियों के चपेट में आने की संभावना है. वहीँ दूसरी और पत्रिका के ग्वालियर संस्करण के खतरे को भापते हुए भास्कर ग्वालियर ने गिफ्ट और कूपनबाज़ी के साथ -साथ मेन पावर को स्ट्रोंग करना भी शुरू कर दिया है. सब एडिटर इन दिनों पेज लगाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. उधर ग्वालियर शहर से चुनावी मेढ़क की तरह बाहर निकला एक दैनिक चुनाव ख़तम होते ही डूब रहा है. हम अपने मन से कुछ नहीं कहते लेकिन सुना है कि शहर का एक घायल अख़बार दम तोड़ने की कगार पर है. |
प्रस्तुतकर्ता
आशेन्द्र सिंह
पर
1:47 am
1 टिप्पणियाँ
लेबल: सुना है- हम कुछ नही कहते
सोमवार, 1 दिसंबर 2008
"किरण-2008" आयोजन
सामाजिक संस्था "परवरिश" के तत्वावधान में मानसिक एवं शारीरिक रूप से निःशक्त बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति 3 दिसम्बर को की जाएगी. इन बच्चों को समाज की प्रमुख धारा से जोड़ने के उद्देश्य से गत 3 सालों से कार्यरत "परवरिश" संस्था के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रशासनिक अधिकारी एवं राजस्व मंडल के सदस्य एस सी वर्धन होंगे. बच्चों द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों को किरण-2008 का नाम दिया गया है। दिनांक - 3 दिसम्बर 2008 समय - दोपहर २ बजे से |
प्रस्तुतकर्ता
आशेन्द्र सिंह
पर
3:08 am
2
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लेबल: सूचना -आयोजन- परवरिश