मुझे मेरे सही गुरु से पहला साक्षात्कार बी ए के दौरान हुआ. एमए करते - करते उनका पूरा आशीर्वाद मेरे साथ रहा. डॉ. ओम प्रभाकर देश के जाने माने साहित्यकार तो है ही साथ ही मुझे एक गुरु के रूप में उनका सानिध्य भी मिला यह मेरा सौभाग्य रहा. गुरु जी मै फ़िलहाल आपके सम्पर्क में नहीं हूँ , लेकिन आप जहां भी रहें हजारों साल जियें एक शिष्य के रूप में ईश्वर से मेरी यही कामना है.
लोकसभा चुनाव 2024: बिहार की तीन महिलाएं जो अचानक से उतर आयी हैं चुनावी
मैदान में
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लोकसभा चुनाव ने बिहार की तीन महिलाओं को अचानक सुर्ख़ियों में ला दिया है. इन
तीन महिलाओं के बारे में एक महीने पहले तक शायद ही किसी को अंदाज़ा था कि वे
चुनाव...
3 घंटे पहले
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