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रविवार, 6 दिसंबर 2009

ज्ञानपीठ समाचार

ज्ञानपीठ समाचार का नया अंक मिला है। यह भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन के विक्रय विभाग का मासिक बुलेटिन है। भारतीय साहित्य में हो रही गतिविधियों एवं भारतीय ज्ञानपीठ के नए-पुराने प्रकाशनों की जानकारी व समीक्षा के लिए यह एक उपयोगी बुलेटिन है। बुलेटिन में कुछ किताबों के महत्वपूर्ण अंश व 'ज्ञानोदय' के आगामी विशेषांकों की जानकारी दी गयी है। बुलेटिन का सालाना शुल्क मात्र दस रूपए है।

विश्वास की स्याही...

ग्वालियर शहर में रहते हुए डॉ. आशीष द्विवेदी ने पत्रकारिता शिक्षण में खासा योगदान दिया है। इन दिनों डॉ. द्विवेदी सागर में पत्रकारिता का एक संस्थान इंक मीडिया स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म के नाम से चला रहे हैं। इंक मीडिया स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म के विद्यार्थियों का प्रायोगिक पत्र इंक टाइम्स के नाम से प्रकाशित हो रहा है। हाल ही में मिले इस के अंक को देखकर पत्रकारिता शिक्षण का महत्व व व्यावहारिक ज्ञान की महत्ता को समझा जा सकता है। इंक टाइम्स का आदर्श वाक्य " विश्वास की स्याही..." है। अंक में फीचर आधारित समाचारों को विशेषरूप से शामिल किया गया है कुछ प्रमुख और आम हस्तियों के साक्षात्कार व समसामयिक विषयों पर लेख और समाचारों को स्थान दिया गया है। यदि मुद्रण की गुणवत्ता व कुछ अन्य त्रुटियों को नज़रअंदाज़ कर देखा जाए तो इंक टाइम्स प्रायोगिक पत्र के रूप में संस्थान का एक उल्लेखनीय व व्यावहारिक प्रयास है मिथलेश साहू, बसंत शर्मा, धर्मेन्द्र दुबे व रेशु जैन की स्टोरी पठनीय और मानकों के अनुरूप हैं। बधाई

शनिवार, 5 दिसंबर 2009

मीडिया मूल्यों पर निगरानी

कमल दीक्षित का नाम देश के गिनेचुने फीचर विशेषज्ञों में शुमार किया जाता है। पत्रकारिता और पत्रकारिता शिक्षण से लेकर पत्रकारिता को धर्म बनाने व उसके मूल्यों की रक्षा के लिए श्री दीक्षित ने कई ऐसे प्रयास किये हैं जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। सोसायटी ऑफ़ मीडिया इनिसिएटिव फॉर वेल्यूज़ द्वारा प्रकाशित " मुल्यानुगत मीडिया " का नया अंक हाल ही में मुझे प्राप्त हुआ है " मुल्यानुगत मीडिया " पत्रिका व न्यूज़ लेटर के बीच का प्रकाशन है। सोलह प्रष्ठीय इस प्रकाशन में मीडिया क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों के साथ - साथ कुछ मीडिया कर्मियों के अनुभव व साक्षात्कार भी शामिल हैं। श्री दीक्षित नें सम्पादकीय में जिला स्तर पर पत्रकारिता का स्वरुप सुधारने व उसके मूल्यों को संरक्षित करने के लिए पत्रकारिता प्रशिक्षण पर जोर दिया है वे लिखते हैं " बदली परिस्थितियों में सत्ता का केंद्र राज्य की राजधानी के साथ ही जिला भी बन चुका है " यह वाक्य आंचलिक पत्रकारिता के स्वर्णिम व चुनौती भरे भविष्य की ओर इंगित करता है। मुल्यानुगत मीडिया को www.mediainitiative.org पर भी पढ़ा जा सकता है कुल मिला कर मीडिया मूल्यों को बचाए रखने का यह एक अमूल्य ओर श्लाघनीय प्रयास है ।