पत्रकारिता चापलूसी और टीपने का पेशा नहीं है . आखिर एक दिन तो जीहुजूरी का अंत होता ही है . ग्वालियर के एक दैनिक ने पहले तो मालिक की जी हुजूरी करने वाले संपादक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया , लेकिन संपादक महोदय ने अपनी जगह पर आये दूसरे संपादक को ज्यादा दिन नहीं टिकने दिया और मक्खनबाजी के अपने हुनर से उन्हें कुर्सी से सरका दिया अब खुद उस पर विराजमान हैं . कुर्सी मिलते ही मक्खनबाज संपादक ने अपना रुतबा दिखाया और फोटोग्राफर से कथित तौर पर पर पत्रकार बने एक सज्जन की नौकरी ले डूबे . ये बात अलग है कि पत्रकारिता का चस्का ले चुके ये सज्जन अपने पुराने गुरु के पास फिर से पहुच गए हैं और पत्रकार बने रहने की कोशिश कर रहे हैं . चलते - चलते बता दूँ कि दैनिक भास्कर को लम्बे समय से अपनी सेवाएं दे रहे विभावाशु तिवारी ने भास्कर को अलविदा कह कर नई दुनिया, ग्वालियर ज्वाइन कर लिया है.
महाराष्ट्र और झारखंड के नतीजों का दिल्ली विधानसभा चुनाव पर क्या असर हो सकता
है?
-
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद अब सभी की
निगाहें दिल्ली के विधानसभा चुनावों पर टिक गई हैं. ये देखना भी दिलचस्प होगा
कि इन नत...
6 घंटे पहले
3 टिप्पणियां:
अरे हम तो आपकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने जा रहे थे।
दरबारी एक राग है दरबारी को ज्ञान।
राग किनारे है पड़ा दरबारी का मान।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
patrkarita mein nabbe pratishat log management ki chaplushi karte hai aisa samanyta dekhne ko mila hai
suman
loksangharsha.blogspot.com
एक टिप्पणी भेजें